शब्द जाल

Wednesday, April 27, 2011

entro with taital.flv

Posted by शब्द जाल at 11:30 PM No comments:
Newer Posts Older Posts Home
Subscribe to: Comments (Atom)

Blog Archive

  • ►  2013 (13)
    • ►  October (1)
    • ►  September (1)
    • ►  August (3)
    • ►  May (2)
    • ►  March (1)
    • ►  February (1)
    • ►  January (4)
  • ►  2012 (21)
    • ►  December (4)
    • ►  November (3)
    • ►  October (4)
    • ►  September (6)
    • ►  June (4)
  • ▼  2011 (11)
    • ►  November (1)
    • ►  July (2)
    • ►  June (2)
    • ▼  April (1)
      • entro with taital.flv
    • ►  March (4)
    • ►  January (1)
  • ►  2010 (8)
    • ►  September (1)
    • ►  August (2)
    • ►  July (1)
    • ►  June (1)
    • ►  April (2)
    • ►  March (1)

About Me

My photo
शब्द जाल
बचपन से एक हरसत पाले हुए था कि आधुनिक विश्वकर्मा बनूंगा। इस राह में दौडते हुए न जाने कब ट्रैक चंेज हो गया खुद को भी पता नहीं चल पाया। टिहरी से देहरादून के बीच की दूरी में ऐसा क्या हो गया कि आधुनिक विश्वकर्मा की जगह नारद मुनि के प्रोफेशन का हिस्सा बन गया। कब क्या हुआ, सब समझ से परे है। लेकिन हाल फिलहाल पत्रकारिता की दुनिया में हाथ जमा रहा हूं। पत्रकारिता की जमीन पर अभी अवतरण हुआ है। सुना की इस जमीन पर कई महारथियों से मुलाकात और मुकालात भी होती है। ऐसा इसलिए कि प्रथम चरण के अनुभव में स्थितियां ही कुछ ऐसी आयी। इसलिए सोचा कि चलें अपनी बात को ब्लाग के माध्यम से आप लोगों तक पहुंचाई जाय। प्रदीप थलवाल
View my complete profile
Picture Window theme. Theme images by Airyelf. Powered by Blogger.