Wednesday, June 29, 2011

कांग्रेस बनाम रामदेव


योग से उद्योग खड़ा करने वाले बाबा रामदेव और भारतीय राजनीति की धूरी रही कांग्रेस में ठनी हुई है। इस लड़ाई की पटकथा खुद रामदेव ने लिखी, और कांग्रेस उसे अमलीजामा पहना रही है, केंद्र में कांग्रेस सरकार को हिलाने पहुंचे बाबा रामदेव को कांग्रेस ने सबक सिखाया, तो प्रदेश में कांग्रेस बाबा के कम समय में फैलाये सम्राज्य पर सवाल कर, रामदेव की मुश्किलें खड़ी कर रही है। लेकिन जिन आरोपों के दम पर कांग्रेस बाबा रामदेव को लपेटना चाहती है, उसके छींटे खुद कांग्रेस पर भी पड़ते नजर आ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष हरक सिंह रावत ने बाबा रामदेव पर कई सवाल उठाये।
सवाल नंबर एक- बाबा रामदेव ने हरिद्वार में ग्राम समाज की जमीनें हड़पी और स्टंप ड्यूटी चोरी की।
सवाल नंबर दो- बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने गलत तरीके से आग्नेय अस्त्रों के लाइसेंस लिए।
सवाल नंबर तीन- रामदेव के प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में पैसा कहां से आया।
सवाल नंबर चार- रामदेव के गुरू कैसे गायब हुए, पतंजलि की उपमंत्री साध्वी कमला कैसे लापता हुई, राजीव दीक्षित की अचानक मौत।
कांग्रेस इन सभी मुद्दों पर केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग कर रही है, लेकिन इन सभी सवालों के पीछे खुद कांग्रेस भी कटघरे में खड़ी नजर आती है, सबसे पहले सवाल उठता है कि कांग्रेस को बाबा रामदेव के घोटालों की याद अब क्यों आ रही है, इससे पहले कांग्रेस ने क्यों सीबीआई जांच करने की जहमत क्यों नहीं उठायी। कांग्रेस की केंद्र में सरकार होने के बाद भी उसके विभागों ने रामदेव की कंपनियों पर निगरानी क्यों नहीं रखी, जिस जमीन को हड़पने का कांग्रेस आरोप लगा रही है, प्रदेश में कंाग्रेस की भी सरकार रही उस समय कांग्रेस ने सुध क्यों नहीं ली। कांग्रेस के ही शासनकाल में बाबा रामदेव की दवाईयों में मानवअंग न होने की पुष्टि हुई थी और कांग्रेस ने बाबा को क्लीन चिट दी। ऐसे में सवाल कांग्रेस की नीयत पर भी उठने लाजमी है। लेकिन जिस दमखम के साथ कांग्रेस सीबीआई जांच की ताल ठोक रही है उसका नतीजा भविष्य में क्या आता है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।


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