1
तप
बड़े बुजुर्ग कह गये
कि तप में ताकत होती है
लेकिन मेरी साधना का सिला देखिए
कि ईश्वर तो मिला
मगर गूंगा और बहरा
2
इंतजार
खामोश और गुमशुम था मैं
हल पल राह निहार रहा था
हर रात बेचैनी से काट रहा था
लेकिन मुझे क्या पता था
कि रात की चांदनी में
मेरा चांद चोरी हो जायेगा।
3
स्वाभिमान
ऐसी चोट पहुंचाई
कि मैं देखता रह गया
और समुद्र लुटता गया।
4
त्याग
ओ रे दुनियां वालों!
थी तुम्हें शिकायत मेरे प्यार से
टांग दी खूंटी पर मैंने
अपने मोहब्बत की चादर
कृति- प्रदीप थलवाल
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