Monday, October 22, 2012

टिहरी संसदीय सीट पर खिला कमल



महारानी माला राज्य लक्ष्मी को टिहरी की बागडोर


टिहरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव का नतीजा सामने आ चुका है। जनादेश सत्तासीन कांग्रेस के बजाय भाजपा के पक्ष में रहा। आगामी लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखे जा रहे इस उपचुनाव में भाजपा ने बाजी मारी। पिछले कई चुनावों में हार का सामना कर रही भाजपा को टिहरी की जीत ने संजीवनी का काम किया। भाजपा प्रत्याशी महारानी माला राज्य लक्ष्मी की जीत ने पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं को जोश से लबरेज कर दिया । वहीं दूसरी ओर टिहरी संसदीय सीट पर मिली हार से कांग्रेस आहत हो गई। कांग्रेस के लिहाज से देखा जाए तो यह हार उसके लिए ऐतिहासिक हार बन गयी है। हार के कारणों की खोज में जुटी कांग्रेस मंथन करने को मजबूर है। हालांकि मझौले दर्जे के नेता बयानबाजी से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
खैर भाजपा की परंपरागत सीट रही टिहरी में कांग्रेस हैट्रिक लागने के मूड में थी। यही कारण था कि कांग्रेस ने इस सीट पर अपने कई खांटी नेताओं को तरजीह ना देकर मुख्यमंत्री बहुगुणा के पुत्र को महत्व दिया। कांग्रेस टिहरी सीट को हर हाल में जीतना चाहती थी, ऐसे में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भरोसे में लेकर साकेत की जीत की गारंटी ली थी। इसके लिए सीएम बहुगुणा ने अपने स्तर से हर कोशिश की, यहां तक कि उन्होने चुनाव की कमान खुद संभाल कर पार्टी नेताओं को जीत के प्रति आश्वस्त भी किया। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों में खुद कांग्रेस के लिए वोट मांगे।
टिहरी संसदीय सीट में कांग्रेसियों के तूफानी हवाई दौरे, बूथ लेवल तक के चुनावी प्रबंधन से कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही थी। जबकि इसके उलट भाजपा प्रत्याशी महारानी माला राज्य लक्ष्मी ने सादगी से मैदानी क्षेत्रों में खुद प्रचार अभियान की बागडोर थामी थी। महारानी ने खुद जनता के बीच जाकर लोगों से वोट की अपील की। महारानी ने राजशाही वैभव को दूर रख अपने सौम्य स्वभाव से मतदाताओं का दिल जीता। उनकी सीधी साधी छवि को लेकर कांग्रेस ने चुनावी सभाओं में कई टिप्पणियां की लेकिन महारानी ने कांग्रेस की उन टिप्पणियों पर कभी भी पलटवार नहीं किया। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि उनकी इसी गंभीरता ने उन्हें जनता के बीच मजबूत किया और उनकी जीत प्रशस्त की। हालाकि यह भी माना जा रहा है धरेलू गैस सिलैंडर  से सब्सिडि वापस लेने का फैसला और  बेहिसाब बढ़ती महंगाई के जिस चाबुक से आम जनता की खाल उधड़ रही है उसी मंहगाई के चाबुक ने कांग्रेस को टिहरी सीट से भी बेदखल किया है।  ये बात दूसरी है कि  चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने मंहगाई और भ्रष्टाचार को कोई मुद्दा नहीं माना और विकास के नाम पर वोट मांगे।  बावजूद इसके मतदान करने वाली जनता ने कांग्रेस को नकार दिया।

किसेे कहां क्या मिला...
महारानी ने कांग्रेस के प्रत्याशी और मुख्यमंत्री विजय बहुगुण के बेटे साकेत बहुगुणा को 22,694 मतों से पटखनी दी। जबकि तीसरे और चौथे नंबर पर क्रमशाः उत्तराखंड रक्षा मोर्चा और उत्तराखंड क्रांति दल-पी रहे। इन दोनों क्षेत्रीय दल समेत अन्य दस प्रत्याशियों की जमानत तक भी नहीं बची। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी टिहरी संसदीय सीट पर देहरादून के मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान कर बाजी पलट दी। इस उपचुनाव में तकरीबन 5,10,951 मतदाताओं ने वोट दिया। कुल मतदाताओं के सापेक्ष 43 फीसदी वोटिंग होने से कोई भी पार्टी जीत के प्रति आश्वस्त नहीं थी, लेकिन आखिरकार नतीजा भाजपा के पक्ष में रहा।
टिहरी, देहरादून और उत्तरकाशी में हुई मतगणना में पहले पहल कांग्रेस आगे नजर आ रही थी, चकराता विधानसभा सीट से लगभग दस हजार वोट की बढ़त से कांग्रेस की उम्मीद परवान चढ़ गई थी। लेकिन विकासनगर, सहसपुर, कैंट, राजपुर, रायपुर और मसूरी विधानसभा सीटों पर भाजपा के पक्ष में हुए मतदान ने बाजी पलट दी। इन सभी विधानसभा में भाजपा ने लगभग 35,210 की बढ़त बनाई। उधर उत्तरकाशी की पुरोला और गंगोत्री सीट में कांग्रेस भाजपा से आगे रही, जबकि यमुनोत्री सीट पर मतदाताओं ने भाजपा पर भरोसा जताया। टिहरी जिले की प्रतापनगर,और धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस आगे रही,। जबकि घनसाली और टिहरी विधानसभा सीट पर भाजपा का जादू चला। उपचुनाव में कांग्रेस के मुकाबले इक्कीस साबित हुई भाजपा की प्रत्याशी महारानी माला राज्य लक्ष्मी को 2,45,835 वोट मिले जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी साकेत बहुगुणा को 2,23,141 वोट पड़े। दोनों के बीच जीत का अंदर 22,694 रहा। वहीं क्षेत्रीय दलों का हाल बहुत ही दयनीय रहा। अपने आपको प्रदेश की हितैषी बताने वाली उत्तराखंड क्रांति दल-पी इस उपचुनाव में चौथे नंबर पर रही उसे 6,939 मत मिले, जबकि तीसरे नंबर रहे उत्तराखंड रक्षा मोर्चा 7,466 मत बटोरने में कामयाब रहा।


प्रत्याशियों के बोल---

महारानी माला राज्य लक्ष्मी, नवनिर्वाचित सांसद, टिहरी

यह जीत टिहरी संसदीय क्षेत्र की जनता का आर्शीवाद है, हमारे परिवार ने अच्छे काम किये होंगे इसीलिए उन्होने मुझ पर भरोसा जताया। मैं उनका आभार करती हूं। महंगाई और भ्रष्टाचार सभी मुद्दे कांग्रेस के खिलाफ गये। मैं संसद में महंगाई का मद्दा उठाऊंगी। कांग्रेस के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी पर मैं कुछ नहीं कहूंगी। जनता समझदार है, वो सब जानती है।

साकेत बहुगुणा, प्रत्याशी कांग्रेस

जनता का आदेश सर्वोपरी, मतदाताओं से किये सभी वायदे पूरा करूंगा, दून के मतदाताओं की नाराजगी दूर करूंगा। हर हार में जीत छिपी होती है, जनता के बीच जाकर उनका काम करता रहूंगा। मेरा विश्वास है कि 2014 में हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

त्रिवेंद्र सिंह पंवार, प्रत्याशी, यूकेडी-पी
कांग्रेस के खिलाफ जनता में आक्रोश था, लिहाजा जनता ने उसे ही वोट दिया जो जीतने की स्थिति में था, मंत्री प्रीतम सिंह पंवार भी साथ नहीं आये, ऐसे में यूकेडी की हालत ज्यादा खराब हो गई। हार पर मंथन किया जायेगा।

कुंवर जपेंद्र, प्रत्याशी, उत्तराख्ंाड रक्षा मोर्चा

कांग्रेस की हार में उत्तराखंड रक्षा मोर्चा अहम रही, क्योंकि हमने जो मुद्दे उठाये उससे मैदानी इलाकों में कांग्रेस के खिलाफ मतदान हुआ। मूल निवास और अन्य मुद्दों पर हमने कांग्रेस को घेरा, जिसकी वहज से भाजपा जीतने में कामयाब रही।

क्या बोले नेता

टिहरी की जनता ने केंद्र सरकार की नीतियों और राज्य सरकार के छह महीने के कार्यकाल को खारिज किया है। महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की मुहर लग चुकी है। चुनावी नतीजों ने सरकार के अहंकार को खत्म किया है। ---- बी.सी. खंडूड़ी, पूर्व मुख्यमंत्री

जनता के गुस्से का फायदा भाजपा को मिला। जनता महंगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त है। कांग्रेस में आपसी फूट का नतीजा भी इस चुनाव में देखने को मिला।---- भगत सिंह कोश्यारी, राज्य सभा संासद

प्रदेश में अराजकता का महौल है, भाजपा की तमाम कल्याणकारी योजनाओं में रूकावट पैदा की गई है। केंद्र और राज्य सरकार ने आम जनता के हकों को मारा है।.... डा. रमेश पोखरियाल निशंक

टिहरी और उत्तरकाशी जिले में कांग्रेस को बढ़त ने बता दिया है कि विकास के नाम पर पहाड़ के मतदाताओं ने कांग्रेस की सरकार पर भरोसा जताया है। आपदा पीड़ितों ने भी कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर सरकार के कामों पर मुहर लगाई।...... विजय बहुगुणा, मुख्यमंत्री

पार्टी जिसे प्रत्याशी घोषित करती है उसे जितना सभी की सामुहिक जिम्मेदारी होती है। अब बहानेबाजी से कोई काम नहीं चलेगा। टिहरी की हार से सबक लिया जायेगा और कांरणों को खंगाला जायेगा, ताकि भविष्य में पार्टी मजबूत होकर उभरे।..... यशपाल आर्य, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस।

पहाड़ में कांग्रेस की जीत हुई है। देहरादून के कुछ क्षेत्रों में रसोई गैस भारी पड़ा, विकासनगर, रायपुर, राजपुर में हार की समीक्षा की जायेगी। .... सुबोध उनियाल, विधायक नरेंद्र नगर।




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